मनु के राजनीतिक विचार - Manu's political views
मनु के अनुसार राज्य की उत्पत्ति ईश्वर हुई है। मनु ने यह भी स्पष्ट किया है की राज्य की उत्पति से पूर्व मानव की स्थिति कष्टपूर्ण थी। मनु स्मृति," के सातवें अध्याय में राज्य संबंधी विचार प्रस्तुत किये गये हैं। मनु ही वे प्रथम राजनीतिक विचारक थे जिन्होने अराजकता का अन्त कर शासन की प्रतिष्ठा पर बल दिया।मनु ने राजा की निरकुंश सत्ता का पक्ष नहीं बल्कि मनु ने राजा को धर्म, नैतिकता के अधीन रखा है।
मनु ने स्पष्ट किया है कि राजा सभी नियमों एवं कानूनों से बंधा है। वह विशिष्ट है परन्तु साधारण मनुष्यों की तरह दण्ड भोगता है। उसका कहना है कि यदि किसी अपराध में दण्ड एक पण है तो राजा के भंग करने पर उसे सौ पण दण्ड दिया जाना चाहिए क्योंकि राजा अधिक विद्वान एवं योग्य है। इसके अतिरिक्त राजा का प्रशिक्षण, दिनचर्या उसे निरंकुशता की ओर नहीं जाने देते हैं। राजा को देव का अंश बताया गया परन्तु इसमें उसके गुणों पर योग्यता पर बल दिया गया है